सारे जग की महारानी हो,
जगदम्बे शेरावाली हो,
चाहो तो सूखी बगिया में,
तुम कर देती खुशहाली हो।।
तर्ज – तारों का चमकता गहना हो।
दुख जीवन के है जो सारे,
पल भर में दूर भगाती हो,
जन्मों जन्मों से सोई हुई,
किस्मत के भाग्य जगाती हो,
निर्धन हो या हो रंक कोई,
करती सबकी रखवाली हो,
चाहो तो सूखी बगिया में,
तुम कर देती खुशहाली हो।।
मेरी मैया है फूल बहारों का,
मेरी मैया है नूर नज़ारों का,
मेरी मैया के जैसी कोई मैया नहीं,
बिना इसके कहीं भी मुझे रहना नहीं,
जैसे है चाँद सितारों में,
मेरी मैया है एक हज़ारों में,
हम जैसे भोले-भालों की,
ये मैया तो है जगवालों की,
ये मैया तो है जगवालों की।।
कलयुग में माँ का नाम चले,
सारी दुनिया को तारे है,
पापी भी माँ का नाम जपे,
बन जाते माँ के प्यारे है,
जग जननी करुणामयी अम्बे,
संकट को मिटाने वाली हो।।
हम भी हैं तुम्हारे ही बच्चे,
पग पग पर दिया सहारा है,
जीबन भी हवाले है तेरे,
सब कुछ तुम ही पे वारा है,
चरणों में तेरे आ बैठे,
भक्तो की सुनने वाली हो।।
सारे जग की महारानी हो,
जगदम्बे शेरावाली हो,
चाहो तो सूखी बगिया में,
तुम कर देती खुशहाली हो।।
Singer – Mukesh Kumar Meena