रूणीचे रा रामाधणी,
भक्ता री लाज बचावे,
दुखिया का बाबो रामदेवजी,
संकट आन मिटावे,
संकट आन मिटावे।।
भादव शुक्ल मेलो भरीजे,
रामदेव अवतारी को,
दुर देश आया भक्ता को,
दुखड़ा दुर मिटाओ,
आंधा ओर लुला लगड़ा को,
आंधा ओर लुला लगड़ा को,
सहारो थे बण जाओ,
दुखिया का बाबो रामदेवजी,
संकट आन मिटावे,
संकट आन मिटावे।।
कलियुग में अवतारी बाबो,
रामदेव कहलायो,
पापीड़ा रा नास करया थे,
मैड़ा दे कहलायो,
कोढ्या री काया न थे,
कोढ्या री काया न थे,
कंचन पल म बणोओ,
दुखिया का बाबो रामदेवजी,
संकट आन मिटावे,
संकट आन मिटावे।।
सुबह शाम थारो नाम रटू म,
म्हारा संकट हारी,
थारी महिमा कोई न जाणी,
निले री असवारी,
थाक जिस्या कोई देव न दुजा,
थाक जिस्या कोई देव न दुजा,
बात है बिलकुल सांची,
दुखिया का बाबो रामदेवजी,
संकट आन मिटावे,
संकट आन मिटावे।।
रूणीचे रा रामाधणी,
भक्ता री लाज बचावे,
दुखिया का बाबो रामदेवजी,
संकट आन मिटावे,
संकट आन मिटावे।।
गायक – नवरत्न पारीक।
सुजानगढ़ 9887140192
लेखन – शंकर माहेश्वरी।