रिद्धि और सिद्धि के बिच विराजे लिरिक्स

रिद्धि और सिद्धि के बिच विराजे,
रिद्धि और सिद्धि के बिच विराजें,
गणराजा,
देवों के राजा देवों के राजा।।

तर्ज – तेरे मेरे बिच में।
(राग – शिवरंजनी)



पहले सभा में तुमको मनाऊँ,

बाद में दूसरा गीत सुनाऊँ,
पार्वती नंदन शंकर जी के लाला,
पार्वती नंदन शंकर जी के लाला,
गणराजा,
देवों के राजा देवों के राजा।।



आज फंसी मेरी जीवन नैया,

पार लगादो प्रभु खेवन वैया,
अब तुम उबारों पार लगाओ,
अब तुम उबारों पार लगाओ,
गणराजा,
देवों के राजा देवों के राजा।।



रिद्धि और सिद्धि के बिच विराजे,

रिद्धि और सिद्धि के बिच विराजें,
गणराजा,
देवों के राजा देवों के राजा।।

गायक – राम चौहान।
8103408528


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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