रे मन हरि सुमिरन कर लीजे भजन लिरिक्स

रे मन हरि सुमिरन कर लीजे,
हरी को नाम प्रेम सो जपिये,
हरी रस रसना पीजे,
रे मन हरि सुमिरण कर लीजे।।



हरी गुण गाइये सुनिए निरंतर,

हरी चरणन चित्त दीजे,
हरी भक्तन की शरण ग्रहण करि,
हरी संग प्रीत करीजे,
रे मन हरि सुमिरण कर लीजे।।



हरि हित खाइये पहिरिये हरि हित,

हरि हित करम करिजे,
हरि हित हरिसन सब जग सी ये,
हरि हित मरिये जीजे,
रे मन हरि सुमिरण कर लीजे।।



रे मन हरि सुमिरन कर लीजे,

हरी को नाम प्रेम सो जपिये,
हरी रस रसना पीजे,
रे मन हरि सुमिरण कर लीजे।।

Singer – Roopali Kusumkar


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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