रामदेव भरजो गोद हमारी,
दोहा – देव बहुत से हो गए,
तो ज्यामे रामा पीर,
पर्चा देवे मोकला,
तो बाई सुगना रा बीर।
रामदेव भरजो गोद हमारी,
दीन भगत की आशा पुरो,
आयो शरण तुम्हारी।।
पुत्र बिना मारो आंगन सुनो,
कौन करे किलकारी,
सुंदर नार बिलखती डोले,
आठों पहर दुखियारी,
पीर जी भरजो गोद हमारी,
दीन भगत की आशा पुरो,
आयो शरण तुम्हारी।।
दुनिया सारी मौसा बोले,
बाता सुनावे खारी,
बाझड़ला को मुख नहीं देखे,
पाप बतावे भारी,
पीर जी भरजो गोद हमारी,
दीन भगत की आशा पुरो,
आयो शरण तुम्हारी।।
दलजी बनियो बक्सो खाती,
ज्याकी तो गोद उबारी,
म्हारी बगत्त तु नकतो बणगयो,
मन में खोटी धारी,
पीर जी भरजो गोद हमारी,
दीन भगत की आशा पुरो,
आयो शरण तुम्हारी।।
नवे महीने मने पुत्र दिज्यो,
आखरी अरजी म्हारी,
जात जडूला चढास्यू देवल,
धुकास्यूं थारी,
पीर जी भरजो गोद हमारी,
दीन भगत की आशा पुरो,
आयो शरण तुम्हारी।।
अरजी म्हारी नही सुनी तो,
छोवेला भगति थारी,
कुवे बावड़ी पड़ मर जासु,
महिमा घटसी थारी,
पीर जी भरजो गोद हमारी,
दीन भगत की आशा पुरो,
आयो शरण तुम्हारी।।
अरज सुणी केशरियो रामो,
पुत्र दियो सुखकारी,
घर ऑगण में खुशीयाँ छाई,
खिलग्या फुल हजारी,
पीर जी भरजो गोद हमारी,
दीन भगत की आशा पुरो,
आयो शरण तुम्हारी।।
गांव घोडदा जाती मीणा,
ज्यामें झोपड़ी म्हारी,
रामरसीलो नाम कहिजे,
महीमा गाऊँ थारी,
पीर जी भरजो गोद हमारी,
दीन भगत की आशा पुरो,
आयो शरण तुम्हारी।।
रामदेव भर जो गोद हमारी,
दीन भगत की आशा पुरो,
आयो शरण तुम्हारी।।
गायक – हरिराम चालिया।
9928558251