राम से लगी डोरी श्याम से लगी,
उसको कौन सतावे,
डोरी जिसकी राम से लगी।।
देखे – आज नहीं तो कल राम मिलेंगे।
राम नाम अनमोल खजाना,
जो भी उस पर हुआ दीवाना,
मालामाल हुआ और,
उसकी किस्मत जगी,
उसको कौन सतावे,
डोरी जिसकी राम से लगी।।
मीरा उसकी हुई दीवानी,
गाये जिसकी जगत कहानी,
कथा सुनो प्रहलाद भगत की,
प्रेम में पकी,
उसको कौन सतावे,
डोरी जिसकी राम से लगी।।
हीरा तू भी डोर लगा ले,
राम भजन से मुक्ति पा ले,
बड़े जतन से मूरख तोहे,
देह जा मिली,
उसको कौन सतावे,
डोरी जिसकी राम से लगी।।
राम से लगी डोरी श्याम से लगी,
उसको कौन सतावे,
डोरी जिसकी राम से लगी।।
स्वर – चंद्रभूषण जी पाठक।