राम राम वो रटते जाये राम की माला जपते जाये लिरिक्स

राम राम वो रटते जाये,
राम की माला जपते जाये,
चरणों में शीश नवाते चले,
राम के काज वो बनाते चले,
राम राम वो रटते जाए,
राम की माला जपते जाए।।

तर्ज – मांगने की आदत।



बालापन से राम नाम की,

जिसने अलख जगाई थी,
राम नाम की धुनि जिसने,
दिन और रात रमाई थी,
राम को हर दम ध्याते चले,
राम को हर दम ध्याते चले,
राम के काज वो बनाते चले,
राम राम वो रटते जाए,
राम की माला जपते जाए।।



लांघ समुन्दर लंका धाए,

सीता की सुध लाए थे,
अक्षयकुमार संहार के लंका,
रावण की वो जलाए थे,
असुरों की मार लगाते चले,
असुरों की मार लगाते चले,
राम के काज वो बनाते चले,
राम राम वो रटते जाए,
राम की माला जपते जाए।।



शक्ति लगी थी लक्ष्मण जी को,

राम प्रभु अकुलाए थे,
बुटी लाकर भाई लखन के,
प्राण तुमने बचाए थे,
राम के जयकारे लगाते चले,
राम के जयकारे लगाते चले,
राम के काज वो बनाते चले,
राम राम वो रटते जाए,
राम की माला जपते जाए।।



राम नाम के चन्दन से तुम,

तन को सिंदूरी रंग डाला,
राम की भक्ति में हनुमत ने,
काज यही कर डाला,
राम सिय ह्रदय बसाते चले,
राम सिय ह्रदय बसाते चले,
राम के काज वो बनाते चले,
राम राम वो रटते जाए,
राम की माला जपते जाए।।



राम राम वो रटते जाये,

राम की माला जपते जाये,
चरणों में शीश नवाते चले,
राम के काज वो बनाते चले,
राम राम वो रटते जाए,
राम की माला जपते जाए।।

Singer – Rakesh Kala


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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