राम गुण गाले बंदा,
हरि गुण गाले रे,
थारे कंचन ने काया रो,
भरोसो कोणी मारा मनवा रे,
हरि गुण गाले।।
बालपनो हंसा खेल गमायो,
जवानी में सुखभर सुतो,
हरि गुण गाले रे,
थारे कंचन ने काया रो,
भरोसो कोणी मारा मनवा रे,
हरि गुण गाले।।
गयी जवानी बंदा आयो बूढापो,
तबरियादा डोडा बोले,
हरि गुण गाले रे,
थारे कंचन ने काया रो,
भरोसो कोणी मारा मनवा रे,
हरि गुण गाले।।
केवे माता सुण मारा बेटा,
इण डोकरिया रो खाट बारे ढालो,
हरि गुण गाले रे,
थारे कंचन ने काया रो,
भरोसो कोणी मारा मनवा रे,
हरि गुण गाले।।
देशा में फिरियो प्रदेशा में फिरियो,
कोड़ी कोड़ी करने माया जोड़ी,
हरि गुण गाले रे,
थारे कंचन ने काया रो,
भरोसो कोणी मारा मनवा रे,
हरि गुण गाले।।
संता रे समागम गुरूसा री महिमा,
सिमरत तो समजावे अवसर जावे,
हरि गुण गाले रे,
थारे कंचन ने काया रो,
भरोसो कोणी मारा मनवा रे,
हरि गुण गाले।।
राम गुण गाले बंदा,
हरि गुण गाले रे,
थारे कंचन ने काया रो,
भरोसो कोणी मारा मनवा रे,
हरि गुण गाले।।
गायक / प्रेषक – श्यामनिवास जी।
9024989481