राजाखेड़ी में सजया,
बाबा का दरबार,
दर्शन करलो रै,
यहाँ बैठे पवनकुमार।।
राम नाम तै बालाजी का,
भवन सजाया प्यारा हो,
फूलों से श्रृंगार किया है,
लागै जग तै न्यारा हो,
लाल धजा लहरै बाबा की,
गूंजै जय जयकार,
राजाखेडी में सज्या,
बाबा का दरबार,
दर्शन करलो रै,
यहाँ बैठे पवनकुमार।।
मेहंदीपुर ते चल कै बाबा,
राजाखेड़ी आए हो,
उनका भाग उदै होजा जो,
इनका दर्शन पाए हो,
भगता उप्पर बरसावै सै,
बाबा अपना प्यार,
राजाखेडी में सज्या,
बाबा का दरबार,
दर्शन करलो रै,
यहाँ बैठे पवनकुमार।।
दूर दूर तै नर और नारी,
दर्शन करने आवै सै,
बैठ भवन में राम नाम का,
कीर्तन मिल्कै गावै सै,
जिसका साथी बालाजी,
वो क्युकर मानै हार,
राजाखेडी में सज्या,
बाबा का दरबार,
दर्शन करलो रै,
यहाँ बैठे पवनकुमार।।
राजेश मलिक नै बालाजी का,
चालीसा का पाठ करया,
डांगी का भी बालाजी नै,
जीवन कर दिया हरा भरा,
कौशिक भी यो बालाजी का,
भुलै ना उपकार,
राजाखेडी में सज्या,
बाबा का दरबार,
दर्शन करलो रै,
यहाँ बैठे पवनकुमार।।
राजाखेड़ी में सजया,
बाबा का दरबार,
दर्शन करलो रै,
यहाँ बैठे पवनकुमार।।
Singer – Narendra Kaushik Ji
Upload By – Hannu Dangi