राजा राम आइये,
प्रभु राम आइये,
मेरे भोजन का,
भोग लगाइये।।
आचमनी अर्घा आरती,
यही यहाँ मेहमानी,
रुखी रोटी पाओ प्रेम से,
पियो नदी का पानी,
राजा राम आइयें,
प्रभु राम आइये,
मेरे भोजन का,
भोग लगाइये।।
भूल करोगे यदि तज दोगे,
भोजन रुखे सुखे,
एकादशी आज मन्दिर में,
बैठे रहोगे भूखे,
राजा राम आइयें,
प्रभु राम आइये,
मेरे भोजन का,
भोग लगाइये।।
राजा राम आइये,
प्रभु राम आइये,
मेरे भोजन का,
भोग लगाइये।।
स्वर – श्री देवेन्द्र जी महाराज।
जय सिया राम