राधे बोल राधे बोल बरसाने की गलियन डोल भजन लिरिक्स

राधे बोल राधे बोल,
बरसाने की गलियन डोल,
कृष्ण बोल कृष्ण बोल,
वृन्दावन की गलियन डोल।।



कान्हा के अंग पीताम्बर सोहे,

कान्हा के अंग पीताम्बर सोहे,
राधा की चुनर अनमोल,
बरसाने की गलियन डोल,
राधें बोल राधें बोल,
बरसाने की गलियन डोल,
कृष्ण बोल कृष्ण बोल,
वृन्दावन की गलियन डोल।।



कान्हा के शीश पे मुकुट विराजे,

कान्हा के शीश पे मुकुट विराजे,
राधा की मुकटी अनमोल,
बरसाने की गलियन डोल,
राधें बोल राधें बोल,
बरसाने की गलियन डोल,
कृष्ण बोल कृष्ण बोल,
वृन्दावन की गलियन डोल।।



कान्हा के संग में सखा सुशोभित,

कान्हा के संग में सखा सुशोभित,
राधे सखियन करत किलोल,
बरसाने की गलियन डोल,
राधें बोल राधें बोल,
बरसाने की गलियन डोल,
कृष्ण बोल कृष्ण बोल,
वृन्दावन की गलियन डोल।।



वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में,

वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में,
बोल राधें बोल राधें बोल,
बरसाने की गलियन डोल,
राधें बोल राधें बोल,
बरसाने की गलियन डोल,
कृष्ण बोल कृष्ण बोल,
वृन्दावन की गलियन डोल।।



राधें बोल राधें बोल,

बरसाने की गलियन डोल,
कृष्ण बोल कृष्ण बोल,
वृन्दावन की गलियन डोल।।

स्वर – श्री मृदुलकृष्ण जी शास्त्री।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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