प्यारी लागे ओ सांगलपति दाता धुनि थारी लिरिक्स

प्यारी लागे ओ सांगलपति दाता,
धुनि थारी प्यारी लागे ओ,
धुनि प्यारी रे सायब री,
महिमा भारी प्यारी लागे ओ।।



राजस्थान सीकर रे माही,

सांगलिया धूणी सवाई ओ,
लक्कड़ दास और मंगल दास गुरु,
आसन लगाई हो,
प्यारी लागे हो।।



गादीपति गुरु ओम दास जी,

जारी महिमा भारी हो,
सकल जगत ओ धोक लगावे,
काज सरावे जी,
प्यारी लागे हो।।



ज्ञान ध्यान उपजावे दाता,

साहब का गुण गावे जी,
शरणे आयोङे भक्ता रा,
बेड़ा पार लगा दे जी,
प्यारी लागे हो।।



बजरंग कछावा गांव जैसलसर,

धूनी महिमा गावे ओ,
ममता कच्छावा साहब रा नित,
भजन सुनावे ओ,
प्यारी लागे हो।।



प्यारी लागे ओ सांगलपति दाता,

धुनि थारी प्यारी लागे ओ,
धुनि प्यारी रे सायब री,
महिमा भारी प्यारी लागे ओ।।

लेखक – बजरंग सिंह कच्छावा जैसलसर।
सिंगर – ममता कच्छावा राजपूत।
9928157513


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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