प्यार नही है सुर से जिसको वो मूरख इन्सान नहीं हिंदी लिरिक्स

प्यार नही है सुर से जिसको,
वो मूरख इन्सान नहीं,
प्यार नहीं है सुर से जिसको,
वो मूरख इन्सान नहीं।।

(राग – मालकोंस)



सुर इन्सान बना देता है,

सुर शिवजी से मिला देता है,
सुर की आग में जलने वाले,
परवाने नादान नहीं,
प्यार नहीं है सुर से जिसको,
वो मूरख इन्सान नहीं।।



सुर में सोए सुर में जागे,

उन्हें मिले वो जो भी मांगे,
परमार्थ और काम मोक्ष भी,
मानो इनसे दूर नहीं,
प्यार नहीं है सुर से जिसको,
वो मूरख इन्सान नहीं।।



जग में अगर संगीत न होता,

कोई किसी का मीत न होता,
यह अहसान है सात स्वरों का,
ये दुनिया वीरान नहीं,
प्यार नहीं है सुर से जिसको,
वो मूरख इन्सान नहीं।।



सुर बिना सरस्वती ना मितली,

सुर बिना कलियाँ नहीं खिलती,
सुर के श्याम सहाय करे तो,
और सहाय जरुरी नहीं,
प्यार नहीं है सुर से जिसको,
वो मूरख इन्सान नहीं।।



प्यार नही है सुर से जिसको,

वोह मूरख इन्सान नहीं,
प्यार नहीं है सुर से जिसको,
वो मूरख इन्सान नहीं।।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

3 COMMENTS

    • इस प्रतिक्रिया के लिए आपका धन्यवाद।
      कृपया प्ले स्टोर से “भजन डायरी” एप्प डाउनलोड करे।

  1. बहुत अच्छा लगा, रचनाकार को बहुत बहुत शुभकामनाएं।।
    धन्यवाद।।

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