प्रेमी अपनी अर्जी प्रभु कैसे लगाएंगे भजन लिरिक्स

Premi Apni Arzi Prabhu Kaise Lagayenge

प्रेमी अपनी अर्जी,
प्रभु कैसे लगाएंगे,
जब द्वार पे जाकर के,
तुझे देख ना पाएंगे।।

देखे – द्वार दया का खोल जरा।



तेरी आदत मेरे श्याम,

तूने खुद ही लगाईं है,
ये प्रेम बढाकर के तुमने,
क्यों दूरी बढ़ाई है,
तेरे दर्शन बिन हे श्याम,
हम जी नहीं पाएंगे,
जब द्वार पे जाकर के,
तुझे देख ना पाएंगे।।



तेरी चौखट पे बाबा जब,

कदम बढ़ाते है,
देख के तुझको मनमोहन सब,
कुछ पा जाते है,
तेरी करुणा का अमृत,
बोलो कैसे पाएंगे,
जब द्वार पे जाकर के,
तुझे देख ना पाएंगे।।



बैठ के तुम मंदिर में प्यारे,

रह नहीं पाओगे,
अपने द्वार के पट जब खुद ही,
बंद कराओगे,
‘पंकज’ तेरी खातिर,
सब कुछ कर जाएंगे,
जब द्वार पे जाकर के,
तुझे देख ना पाएंगे।।



प्रेमी अपनी अर्जी,

प्रभु कैसे लगाएंगे,
जब द्वार पे जाकर के,
तुझे देख ना पाएंगे।।

Singer – Sheetal Pandey Ji


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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