प्रीत की पावन ज्योत जगाऊँ,
सांवरिया श्रृंगार सजाऊँ,
आजा रे आजा ध्यान लगाऊं,
लगन तेरी मेरे श्याम लगाऊं।।
तर्ज – और इस दिल में।
सहारे तेरे हूँ भरोसे तेरे हूँ,
निगाहें फेरे तू पड़े अँधेरे हूँ,
तू ना सुनेगा तो कौन सुनेगा,
विनती ये प्यारे ओ पालनहारे,
चुन चुन कलियाँ हार बनाऊं,
सांवरिया श्रृंगार सजाऊँ।।
उठा के हाथों को मैं कह दूँ बातों को,
छुपाऊं पर कैसे बही बरसातों को,
उमड़ उमड़ आती है दिल से,
अँसुअन की झड़ियां कैसी ये घड़ियाँ,
चाहुँ नहीं मैं तुझको रुलाऊँ,
सांवरिया श्रृंगार सजाऊँ।।
सलोने ओ प्यारे कहूं क्या महिमा रे,
उबारे तू उनको जो आते है हारे,
शोर सुदामा नरसी मीरा,
चरण तेरे ‘लहरी’ मर्ज़ी क्या तेरी,
घर घर तेरे हरिजस गाउँ,
सांवरिया श्रृंगार सजाऊँ।।
प्रीत की पावन ज्योत जगाऊँ,
सांवरिया श्रृंगार सजाऊँ,
आजा रे आजा ध्यान लगाऊं,
लगन तेरी मेरे श्याम लगाऊं।।
Singer – Annu Mishra