प्राणनाथ रघुनाथ प्रभु का,
दर्शन बिन जीव जावे राम,
पूरी अयोध्या सुनी लागे,
कब रघुवर घर आवेओ राम।।
राम बिना मारो हिवङो फाटे,
उस घनेरी आवे ओ राम,
अन नहीं भावे जल नहीं भावे,
नींदङली नहीं आवे राम,
प्राणनाथ रघुनाथ प्रभु रा,
दर्शन बिन जीव जावे राम।।
हिचकी ऊपर हिचकी आवे,
और न बात सुहावे ओ राम,
कर विनती रघुवर जी लाऊं,
उजड़ी अवध बसाऊ ओ राम,
प्राणनाथ रघुनाथ प्रभु रा,
दर्शन बिन जीव जावे राम।।
चित्रकूट रा मार्ग माते,
भरत उपाला चालेओ राम,
कर विनती रघुवर जी ने लाऊं,
उजड़ी अवध बसाओ राम,
प्राणनाथ रघुनाथ प्रभु रा,
दर्शन बिन जीव जावे राम।।
याद करूं जद माता करणी,
पग पासा पड़ जावेओ राम,
भक्ति रे बल भरत पाउंडो,
धीरज मन में आवेओ राम,
प्राणनाथ रघुनाथ प्रभु रा,
दर्शन बिन जीव जावे राम।।
मार्ग माई लोग भरत रा,
दर्शन करने आवेओ राम,
उमड़ पड़े जद भाव प्रभु को,
दौड़ दौड़ कर आवेओ राम|,
प्राणनाथ रघुनाथ प्रभु रा,
दर्शन बिन जीव जावे राम।।
प्राणनाथ रघुनाथ प्रभु का,
दर्शन बिन जीव जावे राम,
पूरी अयोध्या सुनी लागे,
कब रघुवर घर आवेओ राम।।
प्रेषक – हनुमान जांगु।