प्रणाम गुरुदेव जी ने बारम्बार,
दोहा – गुरु को कीजिए बंदगी,
कोटि कोटि प्रणाम,
किट न जाने भृंग को,
गुरुजी कर लो आप समान।
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु,
गुरु देवो महेश्वरा,
गुरुर साक्षात परमब्रम्ह,
तस्मै श्री गुरवे नमः।
ध्यान मूलम गुरु मूर्ति,
पूजा मूलम गुरु पदम,
मंत्र मूलम गुरु वाक्यम,
मोक्ष मूलम गुरु कृपा।
प्रणाम गुरुदेव जी ने बारम्बार,
बारंबार देवा बारंबार,
प्रणाम गुरुदेव जी ने बारंबार।।
एक ही ब्रह्म शक्ल घट व्याप्त,
लीला करत अपार,
प्रणाम गुरुदेव जी ने बारंबार।।
ब्रम्हा रूप धार जग उपायो,
सब को उपावन हार,
प्रणाम गुरुदेव जी ने बारंबार।।
विष्णु रूप धार जगत पालन,
सबको पालनहार,
प्रणाम गुरुदेव जी ने बारंबार।।
रूद्र धूप धार जगत खपावत,
सबको खपावत हार,
प्रणाम गुरुदेव जी ने बारंबार।।
अचलूराम सतगुरुजी रे चरने,
चरण कमल लिपटाय,
प्रणाम गुरुदेव जी ने बारंबार।।
प्रणाम गुरुदेव जी ने बारंबार,
बारंबार देवा बारंबार,
प्रणाम गुरुदेव जी ने बारंबार।।
गायक – संत गोविन्ददास कवराडा।
9829041995