प्रभु राम की सेवा,
करना जिनका काम है,
वो देव निराले,
बजरंगी हनुमान है,
वो अजर अमर है,
कलयुग में वरदान है,
वो हनुमान है, वो हनुमान है,
प्रभू राम की सेवा,
करना जिनका काम है,
वो देव निराले,
बजरंगी हनुमान है।।
तर्ज – कब तक चुप बैठे।
मेहंदीपुर के बाबा जी,
है सालासर के धणीया,
चरणों में शीश झुकाती,
आकर के सारी दुनिया,
संकट हरते है,
संकट मोचन नाम है,
वो हनुमान है, वो हनुमान है,
प्रभू राम की सेवा,
करना जिनका काम है,
वो देव निराले,
बजरंगी हनुमान है।।
बूटी ना समझ में आई,
पर्वत को उठाकर लाए,
निर्बल को बल देते है,
वीरो में वीर कहाए,
जिनकी कृपा से,
हर रस्ता आसान है,
वो हनुमान है, वो हनुमान है,
प्रभू राम की सेवा,
करना जिनका काम है,
वो देव निराले,
बजरंगी हनुमान है।।
रक्षा मेरी तुम ही,
बजरंगबली करते हो,
जो कुछ करते हो बाबा,
हारे की भली करते है,
किरपा से जिसकी,
‘सचिन’ को हर आराम है,
वो हनुमान है, वो हनुमान है,
प्रभू राम की सेवा,
करना जिनका काम है,
वो देव निराले,
बजरंगी हनुमान है।।
प्रभु राम की सेवा,
करना जिनका काम है,
वो देव निराले,
बजरंगी हनुमान है,
वो अजर अमर है,
कलयुग में वरदान है,
वो हनुमान है, वो हनुमान है,
प्रभू राम की सेवा,
करना जिनका काम है,
वो देव निराले,
बजरंगी हनुमान है।।
स्वर – गोपाल जी शर्मा ‘हारे’।