प्रभु के चरणों से सच्चा गर,
प्यार किसी को हो जाये,
दो चार शहर की बात ही क्या,
संसार उसी का हो जाये।।
रावण ने राम से बैर किया,
उसे अब भी जलाया जाता है,
बन भक्त विभीषण शरण गए,
घर बार उसी का हो जाए,
दो चार शहर की बात ही क्या,
संसार उसी का हो जाये।।
गणिका ने कौन से वेद पढे,
कुब्जा क्या रूप की रानी थी,
जिसमे छल कपट का लेश नहीं,
घनश्याम उसी का हो जाए,
दो चार शहर की बात ही क्या,
संसार उसी का हो जाये।।
माया के पुजारी सुन लो तुम,
उस प्रेम दीवानी मीरा से,
गर प्रेम हो मीरा सा मन में,
मोहन तेरा भी हो जाए,
दो चार शहर की बात ही क्या,
संसार उसी का हो जाये।।
प्रभु के चरणों से सच्चा गर,
प्यार किसी को हो जाये,
दो चार शहर की बात ही क्या,
संसार उसी का हो जाये।।
गायक – रूपेश चौधरी।
7004825279