प्रभू जग में अवतार जब लीजियेगा भजन लिरिक्स

प्रभू जग में अवतार जब लीजियेगा,
मुझे अपना सेवक बना लीजियेगा।

तर्ज – अजी रूठ कर अब कहाँ।



सदा करना चाहूँ में सेवा तुम्हारी,

हमेशा रहूँ मै ऱजा में तुम्हारी,
यही आरजू है प्रभू बस हमारी,
पनाह दीजियेगा शरण लीजियेगा,
प्रभू जग मे अवतार जब लीजियेगा,
मुझे अपना सेवक बना लीजियेगा।



सदा तेरे दर का रहूँ मे भिखारी,

प्रभू चाकरी मै करूँ बस तूम्हारी,
शरण चाहता हूँ प्रभू मै तुम्हारी,
करम कीजियेगा करम कीजियेगा,
प्रभू जग मे अवतार जब लीजियेगा,
मुझे अपना सेवक बना लीजियेगा।



है छोटी सी विनती ये साँसे भी है कम,

प्रभू तेरे दर पर ही निकले मेरा दम,
तो मरने का मुझको न होगा कोई ग़म,
चरण मेरे सिर से लगा दीजियेगा,
प्रभू जग मे अवतार जब लीजियेगा,
मुझे अपना सेवक बना लीजियेगा।



प्रभू जग में अवतार जब लीजियेगा,

मुझे अपना सेवक बना लीजियेगा।

– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923

वीडियो उपलब्ध नहीं।


 

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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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