पिछम धरा रा राज वीरा जग में परचा भारी रामदेवजी भजन

पिछम धरा रा राज वीरा,
जग में परचा भारी,
घोड़ले रे घमको आवो जी,
म्हारा पचरंग नेजा धारी,
पिछम धरा रा राज वीरा,
जग में परचा भारी।।



भालो सोवे सोवणो,

हाथो में नेजा भारी,
दुर्बलिया री बेल पधारो,
अजमल घर अवतारी,
पिछम धरा रा राज विरा,
जग में परचा भारी।।



समुन्द्र में डूबे जहाजड़ी,

बानिया बोहे तारी,
रणुजा सु आप पधारिया,
पल में जहाज तारी,
पिछम धरा रा राज विरा,
जग में परचा भारी।।



जोधाणा में भाटी हरजी,

भजन करे थारो भारी,
राजा विजय सिंह परचो मांगी,
जद हरजी अर्ज गुजारी,
पिछम धरा रा राज विरा,
जग में परचा भारी।।



कपडे वाला घोडालिया ने,

दानो चरायो भारी,
हकम हजारी शरणा पडियो,
शरणा अर्ज गुजारी,
पिछम धरा रा राज विरा,
जग में परचा भारी।।



हरी शरणा में हरजी भाटी,

शायल गाई भारी,
भक्त नविन तो करे विनति,
करो भव से पारी,
पिछम धरा रा राज विरा,
जग में परचा भारी।।



पिछम धरा रा राज वीरा,

जग में परचा भारी,
घोड़ले रे घमको आवो जी,
म्हारा पचरंग नेजा धारी,
पिछम धरा रा राज वीरा,
जग में परचा भारी।।

“श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित”
सम्पर्क : +91 9096558244


Previous articleपीलो भोला पीलो थोड़ी सी भंगिया पीलो भजन लिरिक्स
Next articleएक फकीरा आया शिर्डी गाँव में भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here