पेड़ पकडने चढ म्हारा बीरा रे भजन लिरिक्स

पेड़ पकडने चढ म्हारा बीरा ओ,
पेड पकडने चढ म्हारा बीरा ओ,
जमको ने तू मती झेले ए,
सत्य वचन री डोर पकड़ ले,
सत्य वचन री डोर पकड़ ले,
अदर सिंहासन मेले ओ,
साधु भई चलीयो आवेनी गेले गेले ए,
ओ थाने मार्ग में कोई नहीं झेले रे,
साधु भई मार्ग में कोई नहीं झेले रे,
साधु भई चलीयो आवेनी गेले गेले ए।।



कोयल वाणी बोल म्हारा बीरा रे,

कोयल वाणी बोल म्हारा बीरा रे,
कागा री बोली ने हेठी मेळे ए,
कोयल जाय बागो रे माई बोले,
कोयल जाय बागो रे माई बोले,
कागो तो घर घर डोले ओ,
साधु भई चलीयो आवेनी गेले गेले ए,
ओ थाने मार्ग में कोई नहीं झेले रे,
साधु भई मार्ग में कोई नहीं झेले रे,
साधु भई चलीयो आवेनी गेले गेले ए।।



अरे हंसा री चाल चाल म्हारा बीरा रे,

हंसा री चाल चाल म्हारा बीरा रे,
बुगला री चाली हेठी मेळे,
हंसो तो जाय चुगे निज मोती,
हंसो तो जाय चुगे निज मोती,
बुगलो तो माछली ने झेले रे,
साधु भई चलीयो आवेनी गेले गेले ए,
ओ थाने मार्ग में कोई नहीं झेले रे,
साधु भई मार्ग में कोई नहीं झेले रे,
साधु भई चलीयो आवेनी गेले गेले ए।।



सिमरत म्हाने पूरा मिलीया,

सिमरत म्हाने पूरा मिलीया,
प्रेम प्यालो वो पिले,
मंगलो तो सतगुरु जी रे शरणे,
मंगलो तो सतगुरु जी रे शरणे,
अमरापुर मे डोले ओ,
साधु भई चलीयो आवेनी गेले गेले ए,
ओ थाने मार्ग में कोई नहीं झेले रे,
साधु भई मार्ग में कोई नहीं झेले रे,
साधु भई चलीयो आवेनी गेले गेले ए।।



पेड़ पकडने चढ म्हारा बीरा ओ,

पेड पकडने चढ म्हारा बीरा ओ,
जमको ने तू मती झेले ए,
सत्य वचन री डोर पकड़ ले,
सत्य वचन री डोर पकड़ ले,
अदर सिंहासन मेले ओ,
साधु भई चलीयो आवेनी गेले गेले ए,
ओ थाने मार्ग में कोई नहीं झेले रे,
साधु भई मार्ग में कोई नहीं झेले रे,
साधु भई चलीयो आवेनी गेले गेले ए।।

गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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