शुभ ज्योति के पुंज अनादि अनुपम,
ब्रह्माण्ड व्यापी आलोक कर्ता,
दारिद्र दु:ख भय से मुक्त कर दो,
पावन बना दो हे देव सविता,
पावन बना दो हे देव सविता।।
ऋषि देवताओं से नित्य पूजित,
हे भर्ग! भवबन्धन-मुक्ति कर्ता,
स्वीकार कर लो वंदन हमारा,
पावन बना दो हे देव सविता।।
हे ज्ञान के घन त्रैलोक्य पूजित,
पावन गुणों के विस्तार कर्ता,
समस्त प्रतिभा के आदि कारण,
पावन बना दो हे देव सविता।।
हे गूढ़ अन्त:करण में विराजित,
तुम दोष-पापादि संहार कर्ता,
शुभ धर्म का बोध हमको करा दो,
पावन बना दो हे देव सविता।।
हे व्याधि-नाशक हे पुष्टि दाता,
ऋग्, साम, यजु, वेद संचार कर्ता,
हे भुर्भूव: स्व: में स्व प्रकाशित,
पावन बना दो हे देव सविता।।
सब वेदविद् चरण सिद्ध योगी,
जिसके सदा से है गान कर्ता।
हे सिद्ध सन्तों के लक्ष्य शाश्वत्
पावन बना दो हे देव सविता।।
हे विश्व मानव से आदि पूजित,
नश्वर जगत में शुभ ज्योति कर्ता,
हे काल के काल-अनादि ईश्वर,
पावन बना दो हे देव सविता।।
हे विष्णु ब्रह्मादि द्वारा प्रचारित,
हे भक्त पालक हे पाप हर्ता,
हे काल-कल्पादि के आदि स्वामी,
पावन बना दो हे देव सविता।।
हे विश्व मण्डल के आदि कारण,
उत्पत्ति-पालन-संहार कर्ता,
होता तुम्हीं में लय यह जगत सब,
पावन बना दो हे देव सविता।।
हे सर्वव्यापी प्रेरक नियन्ता,
विशुद्घ आत्मा कल्याण कर्ता,
शुभ योग पथ पर हमको चलाओ,
पावन बना दो हे देव सविता।।
हे ब्रह्मनिष्ठों से आदि पूजित,
वेदज्ञ जिसके गुणगान कर्ता,
सद्ïभावना हम सब में जगा दो,
पावन बना दो हे देव सविता।।
हे योगियों के शुभ मार्गदर्शक,
सद्ज्ञान के आदि संचार कर्ता,
प्रणिपात स्वीकार लो हम सभी का,
पावन बना दो हे देव सविता,
पावन बना दो हे देव सविता।।
ईति श्री गायत्री स्तवनम्।
प्रेषक – कमल बैस।
पहासू बु.श.यू पी।
9719038090