पर्वत की चोटी चोटी पे ज्योति ज्योति दिन रात जलती है

पर्वत की चोटी चोटी पे ज्योति,
ज्योति दिन रात जलती है,
पर्वत की चोटी चोटी प ज्योति,
ज्योति दिन रात जलती है,
झिलमिल सितारों की,
ओढ़े चुनर माँ,
शेर पे सवार मिलती है।।



लाल चुनरिया लाल घगरिया,

माँ के मन भाए,
लाल लांगुरिया लाल ध्वजा,
मैया की लहराए,
करे नजरिया जिसपे मैया,
भाग्य चमक जाए,
है इतनी भोली भरती है झोली,
पूरा हर सवाल करती है,
पर्वत की चोटी चोटी प ज्योती,
ज्योति दिन रात जलती है।।



स्वर्ग से सुन्दर भवन बना,

माँ का प्यारा प्यारा,
साँची माता रानी का है,
ये साँचा द्वारा,
अजब नजारा जगदम्बे का,
है जग से न्यारा,
दुष्टों को मारे भक्तो को तारे,
मैया चमत्कार करती है,
पर्वत की चोटी चोटी प ज्योती,
ज्योति दिन रात जलती है।।



तीनो लोको में बजता,

भोली माँ का डंका,
दसो दिशाए गूंजे बाजे,
चौरासी घंटा,
ढोल नगाड़े बजे भवन में,
मिटती हर शंका,
संग में बजरंगी लांगुर सत्संगी,
मैया लेके साथ चलती है,
पर्वत की चोटी चोटी पे ज्योति,
ज्योति दिन रात जलती है।।



पर्वत की चोटी चोटी प ज्योती,

ज्योति दिन रात जलती है,
पर्वत की चोटी चोटी प ज्योति,
ज्योति दिन रात जलती है,
झिलमिल सितारों की,
ओढ़े चुनर माँ,
शेर पे सवार मिलती है।।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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