परमात्मा ना पाया,
पाया जन्म तो क्या हुआ,
परमात्मा न पाया,
मेरे राम को ना पाया,
परमात्मा न पाया,
मेरे श्याम को ना पाया,
परमात्मा न पाया,
पाया जन्म तो क्या हुआ।।
कपड़े रंगा के बंदे,
तू जग में घूमता है,
जो मन को रंग ना पाया,
कपड़ा रंगा तो क्या हुआ,
परमात्मा न पाया,
पाया जन्म तो क्या हुआ।।
गंगा में जाकर बंदे,
तू तन की मैल धोता,
जो मन को धो ना पाया,
गंगा गया तो क्या हुआ,
परमात्मा न पाया,
पाया जन्म तो क्या हुआ।।
सत्संग में जाकर बंदे,
ज्ञानी तू कहलाता है,
जो टूटे दिल ना जोड़े,
ज्ञानी हुआ तो क्या हुआ,
परमात्मा न पाया,
पाया जन्म तो क्या हुआ।।
परमात्मा ना पाया,
पाया जन्म तो क्या हुआ,
परमात्मा न पाया,
मेरे राम को ना पाया,
परमात्मा न पाया,
मेरे श्याम को ना पाया,
परमात्मा न पाया,
पाया जन्म तो क्या हुआ।।
गायक – विद्याकान्त झा।
9931244994