पनघट से दौड़ी चली आउंगी,
कान्हा मुरली बजा दो,
मधुबन में रास रचाऊंगी,
कान्हा मुरली बजा दो।।
श्याम सुंदर से लागे नैना,
तुम बिन हमको चैन पड़े ना,
तुम संग प्रीति निभाऊंगी,
कान्हा मुरली बजा दो,
पनघट से दौडी चली आउंगी,
कान्हा मुरली बजा दो।।
नंदलला की सांवरी सूरत,
चंचल चितवन मोहिनी मूरत,
माखन मिश्री खिलाऊंगी,
कान्हा मुरली बजा दो,
पनघट से दौडी चली आउंगी,
कान्हा मुरली बजा दो।।
तुमने मुरली मधुर बजायी,
तन मन की मैंने सुध बिसराई,
समझे ना पीर परायी जी,
कान्हा मुरली बजा दो,
पनघट से दौडी चली आउंगी,
कान्हा मुरली बजा दो।।
श्याम पिया का मिले जो दर्शन,
‘पदम’ ने जीवन कर दिया अर्पण,
मन मंदिर में बसाउंगी,
कान्हा मुरली बजा दो,
पनघट से दौडी चली आउंगी,
कान्हा मुरली बजा दो।।
पनघट से दौड़ी चली आउंगी,
कान्हा मुरली बजा दो,
मधुबन में रास रचाऊंगी,
कान्हा मुरली बजा दो।।
गायक / प्रेषक – मुकेश कुमार मीना।
9660159589
https://youtu.be/b81wq39BPso