पकड़ ले पाँव तू कस के हाथ वो खुद ही पकड़ेगा लिरिक्स

पकड़ ले पाँव तू कस के,
हाथ वो खुद ही पकड़ेगा,
झुका ले सर को तू अपने,
ह्रदय से खुद वो लिपटेगा।।

तर्ज – जहाँ बनती है तकदीरें।



ये दर वो दर नहीं है जो,

सिफारिशों से चलता है,
यहाँ पे काम तो प्यारे,
सत्य के दम पे बनता है,
सुना ले बस भजन दिल से,
सुना ले बस भजन दिल से,
दर्द वो खुद समझ लेगा,
पकड़ ले पांव तू कस के,
हाथ वो खुद ही पकड़ेगा,
झुका ले सर को तू अपने,
ह्रदय से खुद वो लिपटेगा।।



बांटने की तमन्ना रख,

लुटाने खुद वो बैठा है,
पकड़ ले हाथ निर्बल का,
जिताने खुद वो बैठा है,
ना तू घबरा रुकावट से,
ना तू घबरा रुकावट से,
वो खुद ही सब निपट लेगा,
पकड़ ले पांव तू कस के,
हाथ वो खुद ही पकड़ेगा,
झुका ले सर को तू अपने,
ह्रदय से खुद वो लिपटेगा।।



खामियों को ही रटने की,

पुरानी आदत है जग की,
खूबियों को परखने की,
खासियत है तेरे दर की,
‘शुभम-रूपम’ हार को भी,
‘शुभम-रूपम’ हार को भी,
जीत में वो बदल देगा,
पकड़ ले पांव तू कस के,
हाथ वो खुद ही पकड़ेगा,
झुका ले सर को तू अपने,
ह्रदय से खुद वो लिपटेगा।।



पकड़ ले पाँव तू कस के,

हाथ वो खुद ही पकड़ेगा,
झुका ले सर को तू अपने,
ह्रदय से खुद वो लिपटेगा।।

स्वर – शुभम रूपम।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

2 COMMENTS

  1. Bahut hi sunder bhajan hai Baba ke Pyare Baba Apne likhe Hain usko Hamare Akhiyan ne bhi gaya hai ki gyaras Ke Din Ki 07/04/2021 Kothi

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