पहला गुरु जी हम जनमिया पीछे बड़ा भाई

पहला गुरु जी हम जनमिया,
दोहा – चिंता से चतुराई घटे,
दुख से घटे शरीर,
पाप किया लक्ष्मी घटे,
तो क्या करें दास कबीर।
कबीरा कलयुग आवियो,
संतना माने नी कोय,
कूड़ा कपटी लालची,
उनरी पूजा होय।
कबीरा खड़ा बाजार में,
सबकी मांगे खैर,
नहीं किसी से दोस्ती,
नहीं किसी से बैर।

अरे पहला गुरु जी हम जनमिया,
हम जनमिया जी,
पीछे बड़ा भाई,
भाई धूम ताम से पिता जनमिया,
सबसे पीछे माई,
मगन होये में चलया मेरी माई,
मग्न होये, राम रे नाम नाम रो गेलो पकड़ो,
छोड़ो नी मूरखाई।।



पहले तो गुरुजी दूध जमायो,

पीछे गाय ना दोई,
दोई बछड़ा उणरा रमे पेट में,
घृत बेचवा गई मग्न होये,
राम रे नाम नाम रो गेलो पकड़ो,
छोड़ो नी मूरखाई राम रे।।



कीड़ी चाली सासरे,

नो मण सुरमो साथ कीड़ी,
साथ हाथी उण रे हाथ में,
पूंछ लपेट्या जाये मग्न होए,
राम रे नाम नाम रो गेलो पकड़ो,
छोड़ो नी मूरखाई राम रे।।



ईन्डा हता बोलता,

बचीया बोलया नहीं,
कहत कबीरा सुनो भाई साधु,
मुर्ख समझे नहीं मग्न होए,
राम रे नाम नाम रो गेलो पकड़ो,
छोड़ो नी मूरखाई राम रे।।

प्रेषक – रेवन्त सिंह राठौड़ सोमराड़
9783082370


Previous articleतेरा दरबार हमनें सजाया है माँ भजन लिरिक्स
Next articleमाँ के दर्शन करने मैं आया हूँ भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

2 COMMENTS

  1. पेली पेली ,,हम जलमिया ,,पीछे बड़ा भाई ,,धूम धाम हूं ,,पिता जल्मिया ,, फेर जलमी माई,,
    इसका अर्थ बताओ

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here