ओढ़ चुनरिया,
न्यारी न्यारी लागे माँ,
भक्तो को तू,
प्यारी प्यारी लागे माँ,
मैया की चुनरी का,
कोई मोल नहीं,
चाँद सितारे पर ये,
भारी लागे माँ,
ओढ चुनरिया,
न्यारी न्यारी लागे माँ,
भक्तो को तू,
प्यारी प्यारी लागे माँ।।
तर्ज – दूल्हे का सेहरा।
ओढ़ के बैठी है यूँ,
सजधज के मेरी माँ,
देखकर शरमा रहे,
सारे नज़ारे माँ,
चमचमती चुनरी,
भक्तो का मन मोहे,
है बड़ी बड़भागन जो,
मैया के तन सोहे,
फीकी फीकी सारी,
दुनिया लागे माँ,
भक्तो को तू,
प्यारी प्यारी लागे माँ,
ओढ चुनरिया,
न्यारी न्यारी लागे माँ,
भक्तो को तू,
प्यारी प्यारी लागे माँ।।
आसमा से देव सारे,
पुष्प बरसाए,
आज तेरी चुनड़ी,
चंदा को शरमाए,
माँ के जैसा इस जहां में,
और है कहाँ,
राजरानी सी लगे है,
आज मेरी माँ,
ममता की प्यारी,
फुलवारी लागे माँ,
भक्तो को तू,
प्यारी प्यारी लागे माँ,
ओढ चुनरिया,
न्यारी न्यारी लागे माँ,
भक्तो को तू,
प्यारी प्यारी लागे माँ।।
ओढ़ कर तूने चुनरिया,
लाज रख ली माँ,
बात तेरे सेवको की,
आज रख ली माँ,
‘हर्ष’ तेरा दास सबको,
आज बतलाए,
प्रेम की सौगात मैया,
पल में अपनाए,
होते हरदम प्रेम के,
धागे भारी माँ,
भक्तो को तू,
प्यारी प्यारी लागे माँ,
Bhajan Diary,
ओढ चुनरिया,
न्यारी न्यारी लागे माँ,
भक्तो को तू,
प्यारी प्यारी लागे माँ।।
ओढ़ चुनरिया,
न्यारी न्यारी लागे माँ,
भक्तो को तू,
प्यारी प्यारी लागे माँ,
मैया की चुनरी का,
कोई मोल नहीं,
चाँद सितारे पर ये,
भारी लागे माँ,
ओढ चुनरिया,
न्यारी न्यारी लागे माँ,
भक्तो को तू,
प्यारी प्यारी लागे माँ।।
Singer – Vicky Kabi