ओ श्याम जी मोहे रंग दीना,
अपने ही रंग में मोहे रंग दीना,
देखूं जिधर कन्हाई,
तू ही तू दे दिखाई,
ऐसा जादू कर दीना,
मोहे रंग दीना, मोहे रंग दीना,
अपने ही रंग में मोहे रंग दीना,
ओ श्याम जी मोहे रंग दीना।।
तर्ज – ओ राम जी बड़ा दुःख दीना।
जब से ओढ़ी श्याम चदरिया,
बन बन डोलूं बनके बावरिया,
चढ़ी प्रेम की सूली,
दुनिया को मैं भूली,
छलिये को भूल सकी ना,
मोहे रंग दीना, मोहे रंग दीना,
अपने ही रंग में मोहे रंग दीना,
ओ श्याम जी मोहे रंग दीना।।
भूल गई मैं हसना रोना,
जबसे मिला मुझे श्याम सलोना,
रंग डाला जीवन को,
मेरे फूल से मन को,
अपने वश में कर लीना,
मोहे रंग दीना, मोहे रंग दीना,
अपने ही रंग में मोहे रंग दीना,
ओ श्याम जी मोहे रंग दीना।।
आँख खुली और टूटा सपना,
समझ गई मैं तू ही है अपना,
दो दिन का है मेला,
झूठा जगत का झमेला,
‘बेधड़क’ है कुछ भी कही ना,
मोहे रंग दीना, मोहे रंग दीना,
अपने ही रंग में मोहे रंग दीना,
ओ श्याम जी मोहे रंग दीना।।
ओ श्याम जी मोहे रंग दीना,
अपने ही रंग में मोहे रंग दीना,
देखूं जिधर कन्हाई,
तू ही तू दे दिखाई,
ऐसा जादू कर दीना,
मोहे रंग दीना, मोहे रंग दीना,
अपने ही रंग में मोहे रंग दीना,
ओ श्याम जी मोहे रंग दीना।।
स्वर – सोना जाधव।