ओ म्हारा हलधर रोहिणी नंदन,
चालो सागे सागे,
थारौ साथ मिले तो दाता,
म्हारो भाग जागे।।
कान्हा के बलदाऊ निराले,
ग्वालो की तुम शान हो,
रेवती के हो प्राण प्यारे,
माता का तुम मान हो,
ओ थारे बल के आगे,
रणभूमि से दुश्मन भागे,
थारौ साथ मिले तो दाता,
म्हारो भाग जागे।।
यदुकुल के हो कूलभूषण तुम,
धाकड़ का अभिमान हो,
भुमिपुत्र के अमिट सहारे,
धरणीधर बलराम हो,
‘नागर’ प्रेम से शीश झुकावे,
आशीष मांगे,
थारौ साथ मिले तो दाता,
म्हारो भाग जागे।।
बलधारि का बल तुम्ही हो,
शेषनाग अवतार हो,
भीमसेन के गुरु प्रतापि,
हल मुसल निज हाथ हो,
ओ बाबा शत्रु मार भगाओ,
म्हाने डर लागे,
थारौ साथ मिले तो दाता,
म्हारो भाग जागे।।
ओ म्हारा हलधर रोहिणी नंदन,
चालो सागे सागे,
थारौ साथ मिले तो दाता,
म्हारो भाग जागे।।
गायक / प्रेषक – लखन नागर।
9575532545