ओ मेरे बालेपन के यार सुदामा कैसे आए भजन लिरिक्स

ओ मेरे बालेपन के यार,
सुदामा कैसे आए,
भाई सुदामा कैसे आए,
यार सुदामा कैसे आए,
ओ मेरे बालेंपन के यार,
सुदामा कैसे आए।।

तर्ज – अनोखी थारी झाँकी।



तन्ने क्यो तकलीफ़ उठाई,

तेरे पावा पटी बिवाई,
मैं ये पूछूँ बारम्बार,
सुदामा कैसे आए,
ओ मेरे बालेंपन के यार,
सुदामा कैसे आए।।



जब पैर सुदामा के धोए,

छालों को देख के रोए,
दोनो मिल रहे भुजा पसार
सुदामा कैसे आए,
ओ मेरे बालेंपन के यार,
सुदामा कैसे आए।।



जब आसन बीच बिठाया,

छत्तीसों भोजन लाया
दोनों जीमें करके प्यार,
सुदामा कैसे आए,
ओ मेरे बालेंपन के यार,
सुदामा कैसे आए।।



ओ मेरे बालेपन के यार,

सुदामा कैसे आए,
भाई सुदामा कैसे आए,
यार सुदामा कैसे आए,
ओ मेरे बालेंपन के यार,
सुदामा कैसे आए।।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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