ओ बीरा आ रे हो,
बिरा आजा रे एक बार,
थक गयी रो रो बाट निहार,
सुनले सुगना री पुकार,
ओ बिरा आ रे।।
तर्ज – बाबुल प्यारे।
बारा बरस सु बिरा थारो,
रुणिचो नही देख्यो,
भुली बाबुल री गली,
तरसु कदसु खडी,
कहु किनने मै दुःखडो जाय हो,
ओ बिरा आ रे।।
मावडली म्हाने भुल गयी है,
जान पराई जाई,
मिलीया समधी चोखा देख,
विधाता लिखीया करम रा लेख,
जिनो म्हारो हुयो रे दुश्वार हो,
ओ बिरा आ रे।।
ओ बीरा आ रे हो,
बिरा आजा रे एक बार,
थक गयी रो रो बाट निहार,
सुनले सुगना री पुकार,
ओ बिरा आ रे।।
स्वर – दिनेश शर्मा।
9423427668