निरालो है गरबीलो रे म्हारो राजस्थान रंगीलो लिरिक्स

निरालो है गरबीलो रे,
म्हारो राजस्थान रंगीलो।।

तर्ज – बता मेरे यार सुदामा रे।



देशनोक में करणी माता,

अन्न धन री सुख संपति की दाता,
रामदेव जे गाँव रूनिचे,
लोक देवता चावा कहिजे,
डिग्गी में कल्याणधणी है,
भक्ता री भीड़ घनी है,
पुष्कर तीर्थ राज कहावे,
चारू धाम रो फल मिल जावे,
धर्म पर चलन वालो रे,
म्हारो राजस्थान रंगीलो।।



सालासर बालाजी प्यारा,

अंजनी सूत ने पूजे सारा,
खाटूश्याम को मेलो भारी,
दर्शन ने आवे नर और नारी,
मीरा बाई री भक्ति साची,
गिरधर नगर के रंग राची,
ख्वाजा जी अजमेर बिराजे,
मोटा हरी रे नवाज वाचे,
खुले किस्मत को तालो रे,
म्हारो राजस्थान रंगीलो।।



नगर भरतपुर सूरजमल रो,

पार नही जाठा रे बल रो,
नागौरी धरती पर तेजाजी,
जारी हैं जोड़ी बैला री,
गोगो दुर्गादास हटीलो,
जोधाणो इनसो गरबीलो,
चंबल री हैं अलग कहानी,
कोटा और बूँदी जग जानी,
देश को हैं रखवालो रे,
म्हारो राजस्थान रंगीलो।।



उदयापुर झीला री नगरी,

महाराणा प्रताप री धरती,
पन्नाधाये रे साई भक्त,
अमरिता देवी नारी शक्ति,
झगडो झेलो हल्दी घाटी,
होवे रक्त सू माटी,
सवाईभोज बगड़ावत भारी,
किरत गावे दुनिया सारी,
सूरवीरा रो रखवालो रे,
म्हारो राजस्थान रंगीलो।।



निरालो है गरबीलो रो रे,

म्हारो राजस्थान रंगीलो।।

गायक – कुलदीप ओझा।
प्रेषक – धीरज सिंह राठौड़
9829454349


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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