नज़रे श्याम से है जबसे मिलाई कश्ती भंवर से पार हुई

नज़रे श्याम से है जबसे मिलाई,
कश्ती भंवर से पार हुई,
किस्मत मेरी चमक गई और,
बाते मेरी गुलज़ार हुई,
नजरें श्याम से है जबसे मिलाई,
कश्ती भंवर से पार हुई।।

तर्ज – रात कली एक ख्वाब में आई।



जबसे लगन लगी श्याम नाम की,

तब से हुआ मैं दीवाना,
जग की चमक अब मुझको ना भाये,
मैं चाहूँ दर तेरे आना,
तेरे दीवाने तुझको बुलाये,
आने में फिर क्यों देर हुई,
नजरें श्याम से है जबसे मिलाई,
कश्ती भंवर से पार हुई।।



आँखों में काजल और लटो में,

काली घटा का बसेरा
सांवली सूरत मोहनी मूरत,
सावन रुत का सवेरा,
जब से ये मुखड़ा दिल में खिला है,
दुनिया मेरी गुलजार हुई,
नजरें श्याम से है जबसे मिलाई,
कश्ती भंवर से पार हुई।।



यूँ तो ज़माने में मोह और माया के,

होते है रोज़ नज़ारे,
पर उन्हें देख के देखा है जब तुम्हे,
तुम लगे और भी प्यारे,
‘मोहित’ को तार दो ऐसी तम्मना,
एक नही कई बार हुई,
नजरें श्याम से है जबसे मिलाई,
कश्ती भंवर से पार हुई।।



नज़रे श्याम से है जबसे मिलाई,

कश्ती भंवर से पार हुई,
किस्मत मेरी चमक गई और,
बाते मेरी गुलज़ार हुई,
नजरें श्याम से है जबसे मिलाई,
कश्ती भंवर से पार हुई।।

– गायक एवं प्रेषक –
Ladla Mohit
9627658621


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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