नव दुर्गा नव रूप ओ दाई,
आदि शक्ति माता भवानी,
जग मग लागथे अंजोर,
दियना बरत हावे तोर।।
ढोले नगाड़ा बाजे तोरे भुवन म,
नव दिन के नव रंग म,
चइत कुँवर म मेला भाराथे,
दाई तोर आँगन म,
भीड़ लगे हे सब भगतन के,
शरण म आये दाई तोर,
विनती ल सुन लेबे मोर,
जग मग लागथे अंजोर,
दियना बरत हावे तोर।।
हा कोनो तोला दुर्गा काली कहिथें,
कोनो कहिथें महामाई ओ,
आस लगे हे तोर भगति के,
महिमा हे तोर भारी ओ,
मोहनी सुरतिया मन ल मोहे,
भाग जगा दे दाई मोर,
दियना बरत हावे तोर।।
नव दुर्गा नव रूप ओ दाई,
आदि शक्ति माता भवानी,
जग मग लागथे अंजोर,
दियना बरत हावे तोर।।
गायक – जगदीश जायसवाल।
प्रेषक – मनमोहन।
6268046938