नाथ जालन्धर तपधारी,
दोहा – नाथ जालन्धर आपरी,
महिमा अपरंपार,
साचे मन सु जो कोई सिवरे,
करजो बेडा पार।
नाथ जालन्धर तपधारी,
पहाडों में लीला है थारी,
नाथ जालंधर तपधारी ओ जी।।
जालौर नगरी सिरे मिन्दर मे,
मूरत थारी है प्यारी,
जालौर नगरी सिरे मिन्दर मे,
मूरत थारी है प्यारी,
नाथ जालंधर तपधारी,
पहाडों में लीला है थारी,
नाथ जालंधर तपधारी ओ जी।।
भंवर गुफा मे करी तपस्या,
जिनरी महिमा है भारी,
भंवर गुफा मे करी तपस्या,
जिनरी महिमा है भारी,
नाथ जालंधर तपधारी,
पहाडों में लीला है थारी,
नाथ जालंधर तपधारी ओ जी।।
थलसाथल पर भवन आपरो,
दर्शन आवे नर नारी,
थलसाथल पर भवन आपरो,
दर्शन आवे नर नारी,
नाथ जालंधर तपधारी,
पहाडों में लीला है थारी,
नाथ जालंधर तपधारी ओ जी।।
चार खुट मे किरत भारी,
सिवरे योगी संसारी,
चार खुट मे किरत भारी,
सिवरे योगी संसारी,
नाथ जालंधर तपधारी,
पहाडों में लीला है थारी,
नाथ जालंधर तपधारी ओ जी।।
दीन दुखी रा दुखडा मेटो,
भीड़ पडे नित भगता री,
दीन दुखी रा दुखडा मेटो,
भीड़ पडे नित भगता री,
नाथ जालंधर तपधारी,
पहाडों में लीला है थारी,
नाथ जालंधर तपधारी ओ जी।।
दास अशोक सुनावे दाता,
अरजी सुनलो थे म्हारी,
दास अशोक सुनावे दाता,
अरजी सुनलो थे म्हारी,
नाथ जालंधर तपधारी,
पहाडों में लीला है थारी,
नाथ जालंधर तपधारी ओ जी।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818