नंदी की करके सवारी डमरू वाला रे भजन लिरिक्स

नंदी की करके सवारी,
डमरू वाला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे।।

तर्ज – सपने में रात में आया।



आए है ब्याह रचाने,

गौरा को अपना बनाने,
है भुत प्रेत सब संगी,
करते है बड़ी हुड़दंगी,
क्या अद्भुत रूप बनाया,
अद्भुत रूप बनाया डमरू वाला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे।।



जब देखि मैना रानी,

हुई दिल में बड़ी हैरानी,
बिटिया के भाग फुट गए,
कैसी किस्मत चकरानी,
ना ब्याहु पारवती को,
ब्याहु पारवती को डमरू वाला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे।।



समझाती गिरजा मैया,

शिव जनम जनम के खिवैया,
जब जब मैं जग में आई,
शिव बने है मेरे सईया,
माँ जोड़ तो मेरा नाता,
जोड़ तो मेरा नाता वो भोला भाला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे।।



कहे ‘संजो’ सुन मन डोला,

शिव खाए भांग का गोला,
है मस्त मगन मनमौला,
है इनका अड़बंगा चोला,
अपनी रहते मस्ती में,
रहते मस्ती में जग का आला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे।।



नंदी की करके सवारी,

डमरू वाला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे,
है गले में लिपटा नाग,
भुजंगा काला रे।।

Singer : Sanjo Baghel


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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