वीरों में वीर है,
महा बलशाली है,
जिसकी भुजाएं विशाल है,
छाती हिमालय सी,
सूर्य सम तेज है,
माँ छगनी का लाल है,
नमो नमो श्री बाबोसा,
नमो नमों श्रीं बाबोसा,
नही कोई कलयुग में,
अतुल बली देव ऐसा।।
हनुमत जिसपे अपनी,
कृपा बरसाये,
मानव बनके वो इस,
धरती पर आये,
कोठारी जैन कुल में,
वो जन्म है पाये,
पिता घेवरचंद,
माँ छगनी देवी कहलाये,
चुरू नगर में आया,
पन्ना नाम पाया,
भक्तो का प्रतिपाल है,
छाती हिमालय सी,
सूर्य सम तेज है,
माँ छगनी का लाल है,
नमो नमों श्रीं बाबोसा,
नही कोई कलयुग में,
अतुल बली देव ऐसा।।
बचपन से बाबोसा,
थे बड़े चमत्कारी,
आसपास के गांवों में,
चर्चा थी ये भारी,
हाथ रखते ही टलती थी,
बिपदा सारी,
सिद्धियां थी हाथों में,
कहते थे नर नारी,
बढ़ती उम्र के साथ बाबोसा,
कर रहै थे कमाल है,
छाती हिमालय सी,
सूर्य सम तेज है,
माँ छगनी का लाल है,
नमो नमों श्रीं बाबोसा,
नही कोई कलयुग में,
अतुल बली देव ऐसा।।
अल्पआयु में ही,
हनुमत स्वर्ग ले आये,
स्वागत कर इनका सभी,
देव देवी हर्षाये,
हनुमत जिनको अपनी,
गोदी में बिठाये,
बाबोसा नाम दिया,
कलयुग में ये पूजाये,
ये कोई कहानी नही,
सत्य कथा है,
‘दिलबर’ जिनकी दास्तां,
बेमिसाल है,
छाती हिमालय सी,
सूर्य सम तेज है,
माँ छगनी का लाल है,
नमो नमों श्रीं बाबोसा,
नही कोई कलयुग में,
अतुल बली देव ऐसा।।
वीरों में वीर है,
महा बलशाली है,
जिसकी भुजाएं विशाल है,
छाती हिमालय सी,
सूर्य सम तेज है,
माँ छगनी का लाल है,
नमो नमो श्री बाबोसा,
नमो नमों श्रीं बाबोसा,
नही कोई कलयुग में,
अतुल बली देव ऐसा।।
गायक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
लेखक / प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
9907023365