नाकोड़ा के भैरव देव जी,
मैं आया तेरे पास,
मन की मुरादे होगी पूरी,
है पक्का विश्वास है,
साँचा तेरा दरबार,
अर्जी सुनलो ओ सरकार,
चरणों मे बिठाके दादा,
मुझपे लूटाना अपना प्यार,
मेरे देवा भैरु देवा,
मेरे देवा भैरु देवा।।
तर्ज – कोई कहे तू काशी में।
झूठे जग की झूठी माया,
छोड़ तेरी चौखट पे आया,
पुण्य प्रबल है मेरे दादा,
आज तुम्हारा दर्शन पाया,
जब हुआ मुझे तेरा दीदार,
स्वप्न्न हुआ मेरा साकार,
चरणों मे बिठाके दादा,
मुझपे लूटाना अपना प्यार,
मेरे देवा भैरु देवा,
मेरे देवा भैरु देवा।।
जिसने लिया है तेरा नाम,
उनके बन गये सारे काम,
बनके पुजारी तेरे दादा,
नाम रटे वो आठो याम,
लुटा रहा बनके दातार,
भक्तो के भरता भंडार,
चरणों मे बिठाके दादा,
मुझपे लूटाना अपना प्यार,
मेरे देवा भैरु देवा,
मेरे देवा भैरु देवा।।
अपना बालक जानके दादा,
दो मुझको ऐसी सोगात,
साया बनके साथ रहे तू,
कभी न छुटे मेरा साथ,
‘दिलबर’ छोटी दरकार,
कैलाश की सुन ले सरकार,
चरणों मे बिठाके दादा,
मुझपे लूटाना अपना प्यार,
मेरे देवा भैरु देवा,
मेरे देवा भैरु देवा।।
नाकोड़ा के भैरव देव जी,
मैं आया तेरे पास,
मन की मुरादे होगी पूरी,
है पक्का विश्वास है,
साँचा तेरा दरबार,
अर्जी सुनलो ओ सरकार,
चरणों मे बिठाके दादा,
मुझपे लूटाना अपना प्यार,
मेरे देवा भैरु देवा,
मेरे देवा भैरु देवा।।
गायक – कैलाश राठौर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365