नैनो में बस रहे हो दिल में उतर के आओ भजन लिरिक्स

नैनो में बस रहे हो,
दिल में उतर के आओ।

तर्ज – फूलों में सज रहे है।

दोहा – रंग तेरी आशिकी का,
कुछ जरुर लाएगी,
मुझे मार डालेगी या,
जीना सिखाएगी।
दुनिया के रंग हटा देगी,
मुझ पे से,
रंग तेरे प्यार का,
मुझ पे चढाएगी।



नैनो में बस रहे हो,

दिल में उतर के आओ,
मुखड़ा है क्यूँ छुपाया,
पर्दा जरा हटाओ,
नैनों में बस रहे हो।।



परदे में रहने वाले,

पर्दा जरा हटा ले,
मैं हूँ तेरा दीवाना,
मुझको गले लगा ले,
तडपाया हूँ जहान ने,
तुम ना मुझे रुलाओ,
नैनों में बस रहे हो,
दिल में उतर के आओ,
नैनों में बस रहे हो।।



ये मेरे दिल की दुनिया,

बिन आपके है सूनी,
तडपन ये बढ़ रही है,
बिछुडन की गम है दुनी,
मैं तुम को भूल बैठा,
तुम ना मुझे भुलाओ,
नैनों में बस रहे हो,
दिल में उतर के आओ,
नैनों में बस रहे हो।।



प्रभु तेरे ही भरोसे,

पागल है बावरे हम,
दिल की यही तमन्ना,
चरणों में निकले ये दम,
उजड़ी है मेरी बगिया,
आकर तुम्ही खिलाओ,
नैनों में बस रहे हो,
दिल में उतर के आओ,
नैनों में बस रहे हो।।



नैनों में बस रहे हो,

दिल में उतर के आओ,
मुखड़ा है क्यूँ छुपाया,
पर्दा जरा हटाओ,
नैनों में बस रहे हो।।

Singer – Pramod Rasila Gwalior


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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