नही चाहिये दील दुखाना किसी का,
सदा ना रहा है सदा ना रहेगा,
सदा ना रहा है सदा ना रहेगा,
जमाना किसी का,
नही चाहिये दील दुखाना किसी का।।
आयेगा बुलावा तो जाना पड़ेगा,
सर तुझ को आखिर झुकाना पड़ेगा,
वहाँ ना चलेगा बहाना किसी का,
नही चाहिये दील दुखाना किसी का।।
शोहरत तुम्हारी बह जायेगी ये,
दौलत यही पर रह जायेगी ये,
नही साथ जाता खजाना किसी का,
नही चाहिये दील दुखाना किसी का।।
पहले तो तुम अपने आप को सम्भलौ,
हक है नही तुमको बुराई औरों मे निकालो,
बुरा है बुरा जग मे बताना किसी का,
नही चाहिये दील दुखाना किसी का।।
दुनिया का गुलशन सदा ही रहेगा,
ये जहाँ मे लगा ही रहेगा,
आना किसी का जग मे जाना किसी का,
नही चाहिये दील दुखाना किसी का।।
नही चाहिये दील दुखाना किसी का,
सदा ना रहा है सदा ना रहेगा,
सदा ना रहा है सदा ना रहेगा,
जमाना किसी का,
नही चाहिये दील दुखाना किसी का।।