नगरी हो वृन्दावन सी गोकुल सा घराना हो लिरिक्स

नगरी हो वृन्दावन सी,
गोकुल सा घराना हो,
चरण हो माधव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो,
माँ यशोदा सी मैया हो,
दाऊ जैसा भैया हो,
नन्द बाबा की सदा,
मेरे सर पर छइयां हो।।

तर्ज – लक्ष्मण सा भाई हो।



गउओं की टोली हो,

ग्वालों का साथ मिले,
ब्रज की हो गलियां,
मनमोहक उपवन खिलें,
हो त्याग देवकी सा,
वासुदेव सी शक्ति हो,
उद्धव के जैसे,
निष्ठां और भक्ति हो।।



राधा का प्रेम मिले,

गोपियों का रास मिले,
नाचे ये धरती,
गाता आकाश मिले,
यमुना का किनारा हो,
निर्मल जल धरा हो,
भगवन दरस मुझे,
हर रोज़ तुम्हारा हो।।



मेरी जीवन नइया हो,

हर नाम खिवैया हो,
मुरलीधर जैसा,
मेरा पार लगैया हो,
नगरी हों वृन्दावन सी,
गोकुल सा घराना हो,
चरण हो माधव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो।।



नगरी हो वृन्दावन सी,

गोकुल सा घराना हो,
चरण हो माधव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो,
माँ यशोदा सी मैया हो,
दाऊ जैसा भैया हो,
नन्द बाबा की सदा,
मेरे सर पर छइयां हो।।

Singer & Writer – Ashutosh Mishra


Previous articleमैं तो कीर्तन में नाचूंगा बाबा को आने दो लिरिक्स
Next articleगणेश जी के नाम से भक्तो का कल्याण होता है लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here