ना पकड़ो हाथ मन मोहन कलाई टूट जाएगी भजन लिरिक्स

ना पकड़ो हाथ मन मोहन,
कलाई टूट जाएगी,
जवाहिर की जड़ी चूड़ी,
जवाहिर की जड़ी चूड़ी,
हमारी फुट जाएगी,
ना पकड़ो हाथ मन मोहन,
कलाई टूट जाएगी।।



जबरदस्ती करोगे जो,

ना पाओगे श्याम रत्तीभर,
जबरदस्ती करोगे जो,
ना पाओगे श्याम रत्तीभर,
धरी है शीश पे मटकी,
हमारी फुट जाएगी,
ना पकड़ो हाथ मन-मोहन,
कलाई टूट जाएगी।।



बड़े तुम ढीट नंदलाला,

पड़ा होगा नही पाला,
बड़े तुम ढीट नंदलाला,
पड़ा होगा नही पाला,
फिर आखिर को यही होगा,
मोहब्बत छूट जाएगी,
ना पकड़ो हाथ मन-मोहन,
कलाई टूट जाएगी।।



ये कहना था श्री राधा का,

लपकना था बिहारी का,
ये कहना था श्री राधा का,
लपकना था बिहारी का,
गले में डाल बईया,
बला से टूट जाएगी,
ना पकड़ो हाथ मन-मोहन,
कलाई टूट जाएगी।।



ना पकड़ो हाथ मन-मोहन,

कलाई टूट जाएगी,
जवाहिर की जड़ी चूड़ी,
जवाहिर की जड़ी चूड़ी,
हमारी फुट जाएगी,
ना पकड़ो हाथ मन मोहन,
कलाई टूट जाएगी।।



इस भजन को “जगत के रंग क्या देखु”

इस तर्ज पर भी भी गा सकते है;
हालांकि इस विडियो में थोड़ी तर्ज अलग है।
आशा है आपको मेरी ये टिपण्णी अच्छी लगी होगी।
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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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