ना मैं मांगू खेल खिलौना,
ना मैं लाल फरारी,
एक बार करवादे बाबा,
लीले की सवारी,
तेरे संग झूम लू मैं,
ये दुनिया घूम लू मैं,
तेरे संग झूम लू मैं,
ये दुनिया घूम लू मैं।।
तर्ज – माई नी माई मुंडेर।
मैं भी देखूं लीला घोडा,
कैसी दौड़ लगाता,
जब कोई प्रेमी याद है करता,
झटपट दौड़ के आता,
रोते हुए चेहरो पे लाता,
ये मुस्कान है प्यारी,
एक बार करवादे बाबा,
लीले की सवारी,
तेरे संग झूम लू मैं,
ये दुनिया घूम लू मैं,
तेरे संग झूम लू मैं,
ये दुनिया घूम लू मैं।।
माँ कहती है एक दिन तू तो,
मेरे घर आएगा,
रूठ गई जो खुशियां हमसे,
वापस लौटाएगा,
उस दिन से मैं देख रहा हूँ,
बाबा राह तुम्हारी,
एक बार करवादे बाबा,
लीले की सवारी,
तेरे संग झूम लू मैं,
ये दुनिया घूम लू मैं,
तेरे संग झूम लू मैं,
ये दुनिया घूम लू मैं।।
माँ के हाथ का खीर चूरमा,
जिस दिन तू खाएगा,
सच कहता है ‘रोमी’ बाबा,
भूल नहीं पाएगा,
आना जाना लगा रहेगा,
होगी पक्की यारी,
एक बार करवादे बाबा,
लीले की सवारी,
तेरे संग झूम लू मैं,
ये दुनिया घूम लू मैं,
तेरे संग झूम लू मैं,
ये दुनिया घूम लू मैं।।
ना मैं मांगू खेल खिलौना,
ना मै लाल फरारी,
एक बार करवादे बाबा,
लीले की सवारी,
तेरे संग झूम लू मैं,
ये दुनिया घूम लू मैं,
तेरे संग झूम लू मैं,
ये दुनिया घूम लू मैं।।
स्वर – रोमी जी।