ना लाया साथ कुछ बंदे,
ना तेरे साथ जाएगा,
मुट्ठी बांध कर आया,
खाली हाथ जायेगा।।
तर्ज – खिलौना जानकर तुम तो।
देखे – क्या लेके आया बन्दे।
तेरे ये महल चौबारे,
यहीं रह जाएंगे सारे,
तेरी माया के भंडारे,
ना जाए साथ में प्यारे,
जिसे तू मानता अपना,
वही तुझको जलाएगा,
ना लाया साथ कुछ बँदे,
ना तेरे साथ जाएगा।।
लडकपन खेल में खोया,
जवानी नींद भर सोया,
धरम का बीज ना बोया,
बुढ़ापा देखकर रोया,
है बोये राह में कांटे,
कहां से फूल पाएगा,
ना लाया साथ कुछ बँदे,
ना तेरे साथ जाएगा।।
गया तू भूल वो वादा,
वहां करके जो तू आया,
कमाई पाप की माया,
प्रभु को तूने बिसराया,
वहां ना चल सके कोई,
बहाना जो बनाएगा,
ना लाया साथ कुछ बँदे,
ना तेरे साथ जाएगा।।
भरोसा कुछ नहीं पगले,
तेरी इस जिंदगानी का,
तेरा जीवन समझले है,
बबुला एक पानी का,
ना जाने किस घडी,
किस मोड पे ये फूट जाएगा,
ना लाया साथ कुछ बँदे,
ना तेरे साथ जाएगा।।
ना लाया साथ कुछ बंदे,
ना तेरे साथ जाएगा,
मुट्ठी बांध कर आया,
खाली हाथ जायेगा।।
स्वर – कुमार विशु।
प्रेषक – ऋषि विजयवर्गीय।
7000073009
बहुत अच्छा लगा