ना जाने आज क्यों फिर से तुम्हारी याद आई है भजन लिरिक्स

ना जाने आज क्यों फिर से,
तुम्हारी याद आई है।

दोहा – खाक मुझमें कमाल रखा है,
दाता तूने संभाल रखा है,
मेरे ऐबों पे डालकर पर्दा,
मुझे अच्छों में डाल रखा है।
मैं तो कब का मिट गया होता,
तेरी रहमत ने पाल रखा है,
मुझसे नाता जोड़ के तूने,
हर मुसीबत को टाल रखा है।



सम्भालों दास को दाता,

मेरी सुध क्यों भुलाई है,
ना जाने आज क्यों फिर से,
तुम्हारी याद आई है।bd।

तर्ज – मेरी ज़िन्दगी सवर जाए।



नज़र क्या तुमसे टकराई,

जो नाजुक दिल लुटा बैठे,
इशारा क्या किया तूने,
जो हम खुद को भुला बैठे,
जो हम खुद को भुला बैठे,
मुकर जाओगे वादे से,
तो भक्तो की दुहाई है,
ना जाने आज क्यो फिर से,
तुम्हारी याद आई है।bd।



जमाना रूठ जाए पर,

ना रूठो तुम मेरे दाता,
पुराना जन्म जन्मो का,
कन्हैया आपसे नाता,
कन्हैया आपसे नाता,
निगाहें याद से तेरी,
सितमगर बाज आई है,
ना जाने आज क्यो फिर से,
तुम्हारी याद आई है।bd।



सबर की हो गई हद अब,

सहा जाता नहीं प्यारे,
नज़र दिलदार से ज्यादा,
कोई आता नहीं प्यारे,
कोई आता नहीं प्यारे,
तुम्हारे द्वार पे ‘काशी’,
ने भी पलकें बिछाई है,
Bhajan Diary Lyrics,
ना जाने आज क्यो फिर से,
तुम्हारी याद आई है।bd।



सम्भालों दास को दाता,

मेरी सुध क्यों भुलाई है,
ना जाने आज क्यो फिर से,
तुम्हारी याद आई है।bd।

स्वर – सुरभि चतुर्वेदी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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