मुझे तुमने दाता बहुत कुछ दिया है,
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया।।
ना मिलती अगर दी हुई दात तेरी,
तो क्या थी ज़माने में औकात मेरी,
तुम्ही ने तो जीने के काबिल किया है,
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया।।
मुझे है सहारा तेरी बंदगी का,
है जिस पर गुज़ारा मेरी ज़िन्दगी का,
मिला मुझ को जो कुछ तुम्ही से मिला है,
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया।।
किया कुछ ना मैंने, शरमसार हूँ मैं,
तेरी रहमतो का तलबगार हूँ मैं,
दिया कुछ नहीं बस लिया ही लिया है,
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया।।
मिला मुझको जो कुछ बदोलत तुम्हारी,
मेरा कुछ नहीं सब है दौलत तुम्हारी,
उसे क्या कमी जो तेरा हो लिया है,
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया।।
मेरा ही नहीं तू सभी का है दाता,
तुही सब को देता, तुही है खिलाता,
तेरा ही दिया मैंने खाया पीया है,
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया।।
मुझे तुमने दाता बहुत कुछ दिया है,
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया।।