दुनिया में अकेला हूँ,
नही कोई साथ मेरे,
मुझे तुझपे भरोसा है,
ओ सुनले श्याम मेरे,
दुनिया में अकेला हूं।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा है।
मैं और कहाँ जाऊं,
मेरा कोई ठिकाना नहीं,
मैं टूट ही जाऊंगा,
मुझे तुम ठुकराना नही,
बस इतनी किरपा करना,
तू दिल में रहना मेरे,
मुझे तुझपे भरोसा हैं,
ओ सुनले श्याम मेरे,
दुनिया में अकेला हूं।।
जग की खाऊं ठोकर,
क्या मैं अच्छा लगता,
अब तू ही बता मुझको,
क्या कुछ तेरा नहीं लगता,
होगी बदनामी तेरी,
जो तू नही साथ मेरे,
मुझे तुझपे भरोसा हैं,
ओ सुनले श्याम मेरे,
दुनिया में अकेला हूं।।
मेरे श्याम तेरी महिमा,
सारे जग ने जानी है,
हारे के सहारे हो,
ये सबने मानी है,
कहता श्याम का पागल अजय,
आशु चरणों में तेरे,
मुझे तुझपे भरोसा हैं,
ओ सुनले श्याम मेरे,
दुनिया में अकेला हूं।।
दुनिया में अकेला हूँ,
नही कोई साथ मेरे,
मुझे तुझपे भरोसा है,
ओ सुनले श्याम मेरे,
दुनिया में अकेला हूं।।
गायक – आशीष शर्मा अलवर।
लेखक – श्याम का पागल अजय।