मुझे राम के बिना नहीं जीना भजन लिरिक्स

बजरंग राम जी को,
सन्देश यही कहना,
मुझे राम के बिना नहीं जीना,
मुझे राम के बिना नही जीना।।



अपनी करनी की करनी से,

पर घर में आकर के बैठी,
पिया वचन मोह बस भूली,
छलकर लाया कपटी,
लक्ष्मण रेखा कभी ना लाँघो,
अपने हाथ जहर नहीं पीना,
मुझे राम के बिना नही जीना,
बजरंग राम जी को,
सन्देश यही कहना,
मुझे राम के बिना नही जीना,
मुझे राम के बिना नही जीना।।



छल बल से नारी हरे तो,

खुद ही खुद का नाशी,
मेरी पीर वो ही हरेंगे,
वो है घट घट वासी,
माँ अहिल्या की पीर हरी ना,
मुझे राम के बिना नही जीना,
बजरंग राम जी को,
सन्देश यही कहना,
मुझे राम के बिना नही जीना,
मुझे राम के बिना नही जीना।।



जाओ हनुमत देर करो ना,

पल बीते युग के जैसे,
छली प्रपंची दानव आकर,
चन्द्रहास को खेंचे,
‘रामानंदी’ सियाराम चरण में,
राम रसायन पीना,
मुझे राम के बिना नही जीना,
बजरंग राम जी को,
सन्देश यही कहना,
मुझे राम के बिना नही जीना,
मुझे राम के बिना नही जीना।।



बजरंग राम जी को,

सन्देश यही कहना,
मुझे राम के बिना नहीं जीना,
मुझे राम के बिना नही जीना।।

गायक – शंकर रामानन्दी जी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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